विश्वास
हर पावन रिश्ते का ये आधार है,
कभी होती जीत तो कभी हार है।
डगमगाते पदचिन्ह को ये संभाले,
हृदय को अटूट आस्था उपहार है।
विचलित ना होकर हमेशा संग चले,
इसका ना मुखमंडल ना आकर है।
बसेरा है हर...
कभी होती जीत तो कभी हार है।
डगमगाते पदचिन्ह को ये संभाले,
हृदय को अटूट आस्था उपहार है।
विचलित ना होकर हमेशा संग चले,
इसका ना मुखमंडल ना आकर है।
बसेरा है हर...