ज़िंदगी के रंग .... 🖋️💫
सुबह से शाम कितने लोगों से मिलते हैं
कितनों से हाल चाल पूछा जाता है
फिर भी लगता है कोई मसला है
जो ना खुद समझ आता है
ना किसी से कहा जाता है ....
बहुत कुछ चंद शब्दों में सिमट जाता है
फिर भी लगता है एक खामोशी है
खत्म नहीं होता जिसका...