तुम और मैं एक हो जाएं।
चलो आज मैं और तुम हम हो जाएं!
चलो आज हम एक हो जाएं।
तेरी आंखें जो मुझे तलाशती है,
महसूस कर मुझे अपने दिल में....
मैं वहीं धड़कती हूं,
यही तो हूं मैं जो धड़कन बन धड़कती हूं।
मेरे हाथों का वो प्यार जिसे तूने याद किया है,
महसूस कर इस शांत हवा को....
जो तुझे हर बार छू कर जाती है,
यही तो हूं मै जो हवा बन तुझे छू कर जाती हूं।
मेरी आवाज़ जो तूने सुनी नहीं इन दिनों में,
लेकिन ध्यान से सुन उन चिंडियो की आवाज़....
जो हर बार तेरे कानों में पड़ती है,
महसूस कर इस आवाज़ को....
यही तो हूं मै जो चिड़िया बन हर तरफ शोर मचाती हूं।
मै कोई परिंदा नहीं जो उड़ कर तेरे पास आ जाऊं,
लेकिन देख उस उड़ते परिंदे को....
जिसे मैंने ही भेजा है तेरी खबर लेने को,
महसूस कर इस एतिहात को....
जो हर परिंदे के साथ तेरे पास आती है।
बस तू खयाल रख अपना,
और महसूस कर मुझे इस प्रकृति में....
हर तरफ़ मैं ही मै नज़र आऊंगी,
ये दूरियां भी भाने लगेंगी....
बस प्यार कर इस बोलती कुदरत से,
जो मै और तुम को हम बनाती है!
जो हमे एक बनाती है।
-दिव्या चौधरी
चलो आज हम एक हो जाएं।
तेरी आंखें जो मुझे तलाशती है,
महसूस कर मुझे अपने दिल में....
मैं वहीं धड़कती हूं,
यही तो हूं मैं जो धड़कन बन धड़कती हूं।
मेरे हाथों का वो प्यार जिसे तूने याद किया है,
महसूस कर इस शांत हवा को....
जो तुझे हर बार छू कर जाती है,
यही तो हूं मै जो हवा बन तुझे छू कर जाती हूं।
मेरी आवाज़ जो तूने सुनी नहीं इन दिनों में,
लेकिन ध्यान से सुन उन चिंडियो की आवाज़....
जो हर बार तेरे कानों में पड़ती है,
महसूस कर इस आवाज़ को....
यही तो हूं मै जो चिड़िया बन हर तरफ शोर मचाती हूं।
मै कोई परिंदा नहीं जो उड़ कर तेरे पास आ जाऊं,
लेकिन देख उस उड़ते परिंदे को....
जिसे मैंने ही भेजा है तेरी खबर लेने को,
महसूस कर इस एतिहात को....
जो हर परिंदे के साथ तेरे पास आती है।
बस तू खयाल रख अपना,
और महसूस कर मुझे इस प्रकृति में....
हर तरफ़ मैं ही मै नज़र आऊंगी,
ये दूरियां भी भाने लगेंगी....
बस प्यार कर इस बोलती कुदरत से,
जो मै और तुम को हम बनाती है!
जो हमे एक बनाती है।
-दिव्या चौधरी