...

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जद्दोजहद
अजीब है ना बचपन की आँखों मे होते है सपने कई
बढती है उम्र और छोड़ जाता है बचपन एक दिन
आती है समझ और छूट जाते है सपने बरबस ही
रह जाती है यादे और धूधली उम्मींदे
भूल जाते है जीना हर रोज जिंदा रहने जद्दोजहद मे।
रोजमर्रा ही जिंदा रहने की कोशिश मे।
© Meenakshi ___ मीशा✒️