ये पल यहीं थम जाए
ये पल यहीं थम जाए
नहीं आरजू जो तू,
मेरे बुलाने पे आये,
चाहत ऐसी मेरी कि,
तू किसी बहाने से आये।
जब जब निहारूँ तुझे,
अपनी तू नजरें झुकाए,
छुप छुप कर ही मेरे,
हुस्न का लुफ्त उठाये।
न मैं हँसूँ जरा भी,
न ही तू मुस्कुराए,
बस मांगूं ये...
नहीं आरजू जो तू,
मेरे बुलाने पे आये,
चाहत ऐसी मेरी कि,
तू किसी बहाने से आये।
जब जब निहारूँ तुझे,
अपनी तू नजरें झुकाए,
छुप छुप कर ही मेरे,
हुस्न का लुफ्त उठाये।
न मैं हँसूँ जरा भी,
न ही तू मुस्कुराए,
बस मांगूं ये...