"ज़ंजीर....."
"#जंजीर....."
जंजीरों को तोड़कर
रुख़ हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
आसमां की ओर।
हवाओं को चीर कर
तुफानों से लड़ कर
बस हम आगे बढ़ते जाएं
जंजीरों को तोड़कर ।
बंदिशों से रूकना नहीं
झुकना नहीं कोई हाल में
तन्हा का ये सफ़र है
चलना है सब भूलकर
बस आसमां की ओर।
मैं से हम के सफ़र में
वहम बचा के रखना है
ख़्वाब सजाने है कई ।
जंजीरों को तोड़कर
रुख़ हवा का मोड़कर
चल रहें है देखो हम
आसमां की ओर
© Ranगीला🌺
जंजीरों को तोड़कर
रुख़ हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
आसमां की ओर।
हवाओं को चीर कर
तुफानों से लड़ कर
बस हम आगे बढ़ते जाएं
जंजीरों को तोड़कर ।
बंदिशों से रूकना नहीं
झुकना नहीं कोई हाल में
तन्हा का ये सफ़र है
चलना है सब भूलकर
बस आसमां की ओर।
मैं से हम के सफ़र में
वहम बचा के रखना है
ख़्वाब सजाने है कई ।
जंजीरों को तोड़कर
रुख़ हवा का मोड़कर
चल रहें है देखो हम
आसमां की ओर
© Ranगीला🌺