...

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हिंदी भारत मां की बिंदी
हिंदी भारत मां की बिंदी,
मेरे भारत की पहचान।।
हिंदी से ही पढ़ना सीखे,
पाया अ से ज्ञ तक ज्ञान।।

पढ़ें, लिखें और बोले हिंदी,
ये है हम सबका सम्मान।
हिंदी का इतिहास है मेरी,
भारत माँ का गौरव गान।।

सदा शुद्ध अति विशुद्ध है,
है सब भाषाओं का प्राण।
ऐसी सबकी प्यारी हिंदी,
आओ मिल करें परित्राण।

सर्वप्रिया और बहुभाषी है,
मृदुभाषी है ज्यों मिष्ठान।
क्यों न बने अधिकारी हिंदी,
राष्ट्र - भाषा की पहचान।।

शारद पंडित प्रशांत कुमार
पाली हरदोई(उप्र)
© sharadpandit