समझ में नहीं आता
रास्ता तो दिख जाता है मुझको,
बस तरीका समझ में नहीं आता।
तुमको शायद साफ़ साफ़ दिखता होगा,
मुझको अधूरा कभी समझ में नहीं आता।
दूसरों से ज्यादा खुद से बात करता हूं,
फिर भी खुद का कहा कभी कभी समझ में नहीं आता।
प्रेम का मतलब जानते हैं सभी फिर,
नफ़रत का इस्तेमाल करना समझ में नहीं आता।
दाव लगाने का शौक है तो खुद पर लगाओ,
परिवार को खतरे में डालना समझ में नहीं आता।
माली बनकर फूलों को खूब पानी दिया,
बाद में उन्हीं फूलों को काटना समझ में नहीं आता।
वृद्धावस्था सबको आनी है एक दिन फिर,
माता पिता को घर से बाहर निकालना समझ में नहीं आता।
© विवेक सुखीजा
बस तरीका समझ में नहीं आता।
तुमको शायद साफ़ साफ़ दिखता होगा,
मुझको अधूरा कभी समझ में नहीं आता।
दूसरों से ज्यादा खुद से बात करता हूं,
फिर भी खुद का कहा कभी कभी समझ में नहीं आता।
प्रेम का मतलब जानते हैं सभी फिर,
नफ़रत का इस्तेमाल करना समझ में नहीं आता।
दाव लगाने का शौक है तो खुद पर लगाओ,
परिवार को खतरे में डालना समझ में नहीं आता।
माली बनकर फूलों को खूब पानी दिया,
बाद में उन्हीं फूलों को काटना समझ में नहीं आता।
वृद्धावस्था सबको आनी है एक दिन फिर,
माता पिता को घर से बाहर निकालना समझ में नहीं आता।
© विवेक सुखीजा