...

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तु हम को न समझ पाएगा
पल पल मुरझा ते है, पल पल मुरझा ते है
आज भी न याद आते हैं ।
मगर क्या फायदा अब रात काटे ना
जब शाम रटे ना।
मुंह लाल हो चुका है
पर कोई पूछे ना।
लोग भाग्यशाली हैं
में कूड़ा उठाने वाला नाली है ।
पर तभी क्या ही फर्क पड़ता है
अभी भी में भार का उठाया हुआ पानी है।

अगर शायरी अच्छी लगती हैं तो ठीक मुझे पता है कि लाइक आएं गे तो नहीं ना ।

writen by Kavya