...

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jagjit saheb ki gazal
कभी गुंचा कभी शोला कभी शबनम की तरह,
लोग मिलते हैं बदलते हुए मौसम की तरह,

मेरे महबूब मेरे प्यार को इलज़ाम न दे,
हिज्र में ईद...