...

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नया साल
जिदंगी की एक रफ्तार है
हर रोज नई सुबह है
हर रोज नई शाम भी यहां है

नए फूल खिलते हैं
हर रोज जिंदगी की बाग में
हर घड़ी हवा भी बदलती यहां है

मौसम बदलते हैं
साल बदलते हैं
लोग भी बदलते बेखौफ यहां हैं

ऐसे में कुछ भूलना है
कुछ बिसारना है
कुछ नए रंगो से
जिन्दगी को रंगीन बनाना है

एक साल बीता है
एक नया साल आया है
जो पीछे छूटा है
उसकी अच्छी यादों से
जिन्दगी में आगे बढ़ना है



© अपेक्षा