वहशत
अब बाज़ भी आओ यार अपनी इन हरकतों से
आख़िर क्या बनाओगे तुम, झूठी इन शोहरतों से
एक दफ़ा सच बोलना आइनें में अपने अक्स से
ख़ाक कर देना जो किए थे वादे उन ख़तों से
एक सीख तो ली...
आख़िर क्या बनाओगे तुम, झूठी इन शोहरतों से
एक दफ़ा सच बोलना आइनें में अपने अक्स से
ख़ाक कर देना जो किए थे वादे उन ख़तों से
एक सीख तो ली...