khusboo
खुशबू कमाल की थी उस गुलदस्ते की जो तुमने मुझे दिया था।
हटा दिए थे सारे कांटे अपने हाथों से तुमने, जिन हाथों को पकड़ कर मैं पूरा शहर घूमा था।
याद है वो 'उफ्फ'...
हटा दिए थे सारे कांटे अपने हाथों से तुमने, जिन हाथों को पकड़ कर मैं पूरा शहर घूमा था।
याद है वो 'उफ्फ'...