हम इस देश के वा सी है
शुभ बेला संग होता है दिन का उजीयारा ॥राम राम है वही देश है मेरा उज्ज्वल महान ॥
धरती भी जहा बोल उठे है सूपूत मेरी शान ॥
लेकर आते हर रात हर दिन मेहनत पार अपार ॥
क्या सुना कभी आपने नियती का छाया वार सून सून है जगत के प्यारो है मेरा देश महान ॥
जात ; धर्म ; पंत न माने कोई मिल जुल दिवाली ईद मनाये इतनी स्तुती कितनी बताऊ हम इस देश के वा सी है आज ॥
दिन उजीयारा शाम संग...
धरती भी जहा बोल उठे है सूपूत मेरी शान ॥
लेकर आते हर रात हर दिन मेहनत पार अपार ॥
क्या सुना कभी आपने नियती का छाया वार सून सून है जगत के प्यारो है मेरा देश महान ॥
जात ; धर्म ; पंत न माने कोई मिल जुल दिवाली ईद मनाये इतनी स्तुती कितनी बताऊ हम इस देश के वा सी है आज ॥
दिन उजीयारा शाम संग...