देख लिया
छंद-गीत और शेर-ग़ज़ल सब कुछ लिख कर देख लिया
तू ने जैसा चाहा बिल्कुल वैसा दिख कर देख लिया
फ़रेब से तेरे थे अनजाने यह गुमान मत रख लेना
पीकर घूंट ज़हर का तेरी खा़तिर टिक कर देख लिया
भूल हुई जो सोचा कि इश्क़...
तू ने जैसा चाहा बिल्कुल वैसा दिख कर देख लिया
फ़रेब से तेरे थे अनजाने यह गुमान मत रख लेना
पीकर घूंट ज़हर का तेरी खा़तिर टिक कर देख लिया
भूल हुई जो सोचा कि इश्क़...