कई अरसे से...
कई अरसे से,
एक डायरी है मेरे पास
सोचा था,
इसमें वो सब लिखूंगा
जो किसी से कभी बोलता नहीं,
पर अब इसके पन्ने ना
तुम्हारी बातों से भरे पड़े हैं
कहना था तुमसे जो
उन अनकहे जज्बातों से
भरे पड़े हैं ।
हां अगर तुम पढ़ पाए कभी
तो मेरी आंखो को पढ़ना
शायद तुम देख पाओ
की हमें बस इकरार...
एक डायरी है मेरे पास
सोचा था,
इसमें वो सब लिखूंगा
जो किसी से कभी बोलता नहीं,
पर अब इसके पन्ने ना
तुम्हारी बातों से भरे पड़े हैं
कहना था तुमसे जो
उन अनकहे जज्बातों से
भरे पड़े हैं ।
हां अगर तुम पढ़ पाए कभी
तो मेरी आंखो को पढ़ना
शायद तुम देख पाओ
की हमें बस इकरार...