नारी हूँ मैं
मै नारी हूँ
सोच मेरी अलग
भरोसा मेरा अडिग
चाहूँ तो एक पल में बिगाड़ दूँ
सब कुछ नष्ट कर दूँ
मेरी कमजोरी ही मेरी ताकत है
ना समझ अबला हूँ
क्रोध में आ जाऊँ तो
काली हूँ ....
प्रेम जिसकी नस नस में है
वात्सल्य से...
सोच मेरी अलग
भरोसा मेरा अडिग
चाहूँ तो एक पल में बिगाड़ दूँ
सब कुछ नष्ट कर दूँ
मेरी कमजोरी ही मेरी ताकत है
ना समझ अबला हूँ
क्रोध में आ जाऊँ तो
काली हूँ ....
प्रेम जिसकी नस नस में है
वात्सल्य से...