...

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अकेलापन
तेरे आने का इंतज़ार है आजा,
दिल तेरा तलबगार है आजा।

इश्क़ की कश्ती पार लगानी है,
तूही जिसकी पतवार है आजा।

दिल-शिगाफ़ि हो जाए ख़तम,
दिल बड़ा बे-क़रार है आजा।

इतने दिन हुए मुझको तन्हा हुए,
मिलना तुझसे एकबार है आजा।

मुझे भी लगे की जिंदा हूँ मैं भी,
अबतक तो दिल बीमार है आजा।

तेरे आने का इंतज़ार है आजा,
दिल तेरा तलबगार हूँ आजा।

शायर तन्हा
broken boy







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