दिल ए चराग़ाँ
मेरा इश्क़ बड़ा बदनाम हुआ करता था,
भरे आंसुओं से जाम का प्याला
हर रोज़ ख़ाली हुआ करता था,
जज़्बातों का आलम ये था सनम
कि हर रोज़ पीकर भी दिल
बेहद भारी हुआ करता था,
बेतहाशा खूबसूरत हुआ करती थी
वो ख़ामोश शाइस्ता...
भरे आंसुओं से जाम का प्याला
हर रोज़ ख़ाली हुआ करता था,
जज़्बातों का आलम ये था सनम
कि हर रोज़ पीकर भी दिल
बेहद भारी हुआ करता था,
बेतहाशा खूबसूरत हुआ करती थी
वो ख़ामोश शाइस्ता...