चल रहे हैं देखो हम
#जंजीर
इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
साथ सबका छोड़कर।
आंखों में बीते बात की,
है चमक उस रात की,
अब दर्द ना सहेंगे हम,
हां सब से ये कहेंगे हम।
मिले हमें इंसाफ भी,
ना दबे आवाज...
इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
साथ सबका छोड़कर।
आंखों में बीते बात की,
है चमक उस रात की,
अब दर्द ना सहेंगे हम,
हां सब से ये कहेंगे हम।
मिले हमें इंसाफ भी,
ना दबे आवाज...