Pihu जीने को दिल करता हैं
कितना शोर हैं ज़िंदगी में~
~रातें भी अब ख़ामोश कहां रहतीं हैं ,
भीड़ बहुत हैं शहरों में~
~गांवों में भी अब भीड़ कम कहां रहतीं हैं ,
एक फुर्सत से देखूंगा तूझें~
~छोटीं उम्र में भी अब फुर्सत कहां रहतीं हैं ,
बीते ज़मानें की सुन-सुन कर बातें `Pihu` जीनें को दिल करता हैं~
~इस ज़मानें के मुर्दों में अब जान कहां रहतीं हैं ,!....
© Pihu• Rathore•
~रातें भी अब ख़ामोश कहां रहतीं हैं ,
भीड़ बहुत हैं शहरों में~
~गांवों में भी अब भीड़ कम कहां रहतीं हैं ,
एक फुर्सत से देखूंगा तूझें~
~छोटीं उम्र में भी अब फुर्सत कहां रहतीं हैं ,
बीते ज़मानें की सुन-सुन कर बातें `Pihu` जीनें को दिल करता हैं~
~इस ज़मानें के मुर्दों में अब जान कहां रहतीं हैं ,!....
© Pihu• Rathore•