गजल - ८
मैं बूंद हूं बारिश की
कहीं टपक ना जाऊं !
कभी तेरे आंचल पर
कभी तेरे बदन पर
देख चटक ना जाऊं !
तेरी गीली जुल्फों से सरकते
तेरी कमर पर लटक ना जाऊं !
इतनी हरकतें हैं तेरी कमर में
देख झटक ना जाऊं !
तेरे सुर्ख होठों पर
मैं बैठ जाऊं ..!
अगर तू चूमे मुझे तो
मैं अमृत बन जाऊं..!!
#gajal #tum_aur_main #pyar #mohobbat #isqteramera #LafzeSafar
कहीं टपक ना जाऊं !
कभी तेरे आंचल पर
कभी तेरे बदन पर
देख चटक ना जाऊं !
तेरी गीली जुल्फों से सरकते
तेरी कमर पर लटक ना जाऊं !
इतनी हरकतें हैं तेरी कमर में
देख झटक ना जाऊं !
तेरे सुर्ख होठों पर
मैं बैठ जाऊं ..!
अगर तू चूमे मुझे तो
मैं अमृत बन जाऊं..!!
#gajal #tum_aur_main #pyar #mohobbat #isqteramera #LafzeSafar