...

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गहराईयों से भरा हमारा प्रेम 😘
सुनिए ना पण्डिताइन जी,,
अंधियारा छा जाता हैं
जब आपसे दूर जाता हैं

आपकी यादों में चूरचूर होकर
तिनकों में बट जाता हूं

कब हटेंगे जुदाई के काले बादल
यहीं सोचकर सिहर जाता हूं

तुम्हे करीब पाकर निखरसा जाता हूं
तुमसे दूर जाकर बिखरसा जाता हूं

© उन्मुक्क्त अनूप