![...](https://api.writco.in/assets/images/post/default/story-poem/normal/shayari.webp)
5 views
दिल के अंगने में बस तुम ही बस्ती हो।
कुछ इस कदर तुम कहलाती हो,
गुलाब के फूलो जैसी महकाती हो।
सुंदर और मासूम सी दिखलाती हो,
प्यार में हमें बहुत आज़माती हो।
कभी काटो सी हमें चूभ जाती हो,
तो कभी हमें अपनी प्यारी मुस्कान पे सज़ाहती हो।
मानो गुलाब के फुल सी तुम खिलती हो,
दिल के अंगने में बस तुम ही बस्ती हो।
© Rahul Naik⚡
गुलाब के फूलो जैसी महकाती हो।
सुंदर और मासूम सी दिखलाती हो,
प्यार में हमें बहुत आज़माती हो।
कभी काटो सी हमें चूभ जाती हो,
तो कभी हमें अपनी प्यारी मुस्कान पे सज़ाहती हो।
मानो गुलाब के फुल सी तुम खिलती हो,
दिल के अंगने में बस तुम ही बस्ती हो।
© Rahul Naik⚡
Related Stories
8 Likes
0
Comments
8 Likes
0
Comments