ख्वाब
कुछ ख़्वाब अधूरे छूटे हैं,
जिनके पीछे हम टूटे है।
ख़्वाब है इतने ज़िद्दी
वो भी हमसे रूठे है।।
जिसके लिए दिन रात एक किए
वो ख़्वाब भी मेरे झूठे है
वादे किए हजार की मंजिल
होगी करीब मेहनत से सब करके देख लिया
किस्मत निकली धोखेबाज।।
पर यू ना रूठूंगी और ना ही टूटूंगी,
हर एक शख्स को सबक सिखाऊंगी
सबके जुबां पर ताले कामयाबी के लगूंगी।
टूटे छूटे कुछ नही अपने ख़्वाब सच कर
अपनी ज़िंदगी को नया पाठ पढ़ाऊंगी।।
shiya...
© All Rights Reserved
जिनके पीछे हम टूटे है।
ख़्वाब है इतने ज़िद्दी
वो भी हमसे रूठे है।।
जिसके लिए दिन रात एक किए
वो ख़्वाब भी मेरे झूठे है
वादे किए हजार की मंजिल
होगी करीब मेहनत से सब करके देख लिया
किस्मत निकली धोखेबाज।।
पर यू ना रूठूंगी और ना ही टूटूंगी,
हर एक शख्स को सबक सिखाऊंगी
सबके जुबां पर ताले कामयाबी के लगूंगी।
टूटे छूटे कुछ नही अपने ख़्वाब सच कर
अपनी ज़िंदगी को नया पाठ पढ़ाऊंगी।।
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