दिन फूलों के बीत रहे हैं ...
मौसम की किसको परवाह रही, अब दिन फूलों के बीत रहे हैं।
है इंसान तो घर में कैद हुआ, पक्षी पेड़ों पर चहक रहे हैं।
सूरज उगता छिप...
है इंसान तो घर में कैद हुआ, पक्षी पेड़ों पर चहक रहे हैं।
सूरज उगता छिप...