कोई तो है!
पता नहीं कौन, पर कोई तो है,
जो मुझे मेरे बुरे वक्त में
खुद पर यकीन रखने को कहता है,
और मैं उसकी बात मान लेता हूँ।
पता नहीं कोई तो है,
जो हर बार जीने की उम्मीद दे जाता है,
जब भी जीवन त्यागने का सोचता हूँ।
आगे क्या होगा मेरे साथ,
बुरा भी हो सकता है और अच्छा भी,
लेकिन इतना भी बुरा नहीं होता कि
दोबारा सब कुछ अच्छा न हो पाए।
कोई तो है जो बहुत बुरा होने से रोक रहा है।
रोज़ रात नींद लेने बिस्तर पर जाता हूँ,
और सुबह आँखें कभी खुलें ही ना,
ऐसा भी तो हो सकता है।
मगर ऐसा कुछ नहीं होता है।
आँख खुलती भी है,
और फिर अगले रात सोने भी जाता हूँ।
कोई तो है जो रात गहरी नींद में भी
ख्याल रख रहा है मेरा।
मैं कोई काम कर रहा होता,...
जो मुझे मेरे बुरे वक्त में
खुद पर यकीन रखने को कहता है,
और मैं उसकी बात मान लेता हूँ।
पता नहीं कोई तो है,
जो हर बार जीने की उम्मीद दे जाता है,
जब भी जीवन त्यागने का सोचता हूँ।
आगे क्या होगा मेरे साथ,
बुरा भी हो सकता है और अच्छा भी,
लेकिन इतना भी बुरा नहीं होता कि
दोबारा सब कुछ अच्छा न हो पाए।
कोई तो है जो बहुत बुरा होने से रोक रहा है।
रोज़ रात नींद लेने बिस्तर पर जाता हूँ,
और सुबह आँखें कभी खुलें ही ना,
ऐसा भी तो हो सकता है।
मगर ऐसा कुछ नहीं होता है।
आँख खुलती भी है,
और फिर अगले रात सोने भी जाता हूँ।
कोई तो है जो रात गहरी नींद में भी
ख्याल रख रहा है मेरा।
मैं कोई काम कर रहा होता,...