...

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जब तुम मेरे थे...
जब तुम मेरे थे,
ये दुनिया हमारी थी।
तुझमे खुद को जीते थे,
तुमसे ही खुद को पाते थे।
तुझमे डूब कर तुमको पन्नों पर उतारा था कभी...
अब जब तुम मेरे नहीं,
तो कुछ भी हमारा नहीं।
तुमसे बिछड़ कर जीना भूल गए,
तुझको खोकर खुद का पता भूल गए।
जो कभी तुझमे डूब कर पन्नों पर उतारा था तुम्हें,
आज खुद डूब रहे उस पन्ने को पढ़ना भूल गए हम।।

© Aayushi Shandilya