परदेशी भी अब क्या लौटेंगे अपने देश को
परदेशी भी अब क्या लौटेंगे अपने देश को ,
मिल गया उनको किरदार यहाँ ।
जनाब अपनी भूमि को प्रेम से डुबोके रखना फिर कोई मुशाफिर कभी आए तो ये कहे ,
कि एक दिन और रुक जाऊ यहाँ ।
मिल गया उनको किरदार यहाँ ।
जनाब अपनी भूमि को प्रेम से डुबोके रखना फिर कोई मुशाफिर कभी आए तो ये कहे ,
कि एक दिन और रुक जाऊ यहाँ ।