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इसे खुदा की मेहरबानी कहूं या अपनी किस्मत
@poojajhanwar

इसे खुदा की मेहरबानी कहूं या मेरी किस्मत
जैसा सोचा था वैसा हमसफ़र पा लिया
वैसे शादी की सोच से बहुत ही ज्यादा दूर थी में ,
पर जब से उनको जाना उनको समझने लगी सब कुछ बहुत अच्छा सा लगने लगा ,
जैसा मैने देखा आस पास वेसा कुछ भी नहीं है ,
क्यूकी उससे कहीं गुना ज्यादा अच्छा नसीब ने दे दिया ,
ऐसे तो बहुत भोले से है शायद ,
पर समझते बहुत अच्छे से है
इसे अपनी किस्मत कहूं या खुदा की मेहरबानी ।
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शुरू शुरू में काफी कुछ करीब लग रहा था ,
समझ ही नही आ रहा था कि क्या हो रहा है ,
बात करे भी तो क्या करे ,
ना जान ना पहचान उनसे ,
उस 5 minute की मुलाकात में मुझसे पूछा सबने केसा लगा वो ,
केसे बताई कि 5 minute में कैसे पहचानूंगी में ,
फिर धीरे धीरे अच्छा लगने लगा...