झूटी मुस्कान
कुछ पलों के तकाज़ा
न जाने कितनी जंग लड़ता
अफ़सोस इस बात का
की क्यो अपनो को दूर करता
हाल न पूछता कोई
न फ़िक्र किसीको हमारी
दो पालो में ही ...
न जाने कितनी जंग लड़ता
अफ़सोस इस बात का
की क्यो अपनो को दूर करता
हाल न पूछता कोई
न फ़िक्र किसीको हमारी
दो पालो में ही ...