...

6 views

चार जून की बात है
#जून
चार जून की बात है
उसमें भी कुछ घात है
कौन बनेगा समय का साहु
कब किसकी क्या सौगात है।

चार जून की भोर है
मुख मुस्कान लाली है
गजब की हरियाली है
और न्योते के पैगाम से कल्लू ने
आज की शाम दावत लिख डाली है।

चार जून की दोपहरी है
सूरज ने आग बरसा रखी है
नारद ने भी गलफ्रेंड से ,
आज छुट्टी ही ले डाली है।

चार जून की शाम
अब हो रही जवान है
दम बीड़ी दारू और
देसी ठरर्रे का भी इंतजाम है

चार जून की बात है
शामियाने सी सजी ये
सितारों वाली रात है।
शराब के हुस्न में पागल
गांव के कुछ नौजवान है,
रीपू है, बंसी है,
नंन्हे है, संतब्ली है,
लाडो है, अहसान है,
नारद है और उस्मान भी है,

चार जून की बात है
उसमें भी कुछ घात है
कौन बनेगा समय का साहु
कब किसकी क्या सौगात है।



© Kunba_The Hellish Vision Show