हाँ अब मै श्रीमती हूं
हाँ अब मै श्रीमती हूँ
कोई न करें इश्क मुश्क
मुझसे, न कोई खुद को
मेरे लिए बीमार करे,
अब हूँ मै किसी की
न कोई मुझसे आँखें चार करें
कोई डर नहीं मुझे, न किसी
की कमी खलती है¡
ज़ब खुद के दिल मै झाँकती हूं
तब यही तसल्ली मिलती है
की हाँ मै अब श्रीमती हूं!
लोग देखें तो भी अकेले...
कोई न करें इश्क मुश्क
मुझसे, न कोई खुद को
मेरे लिए बीमार करे,
अब हूँ मै किसी की
न कोई मुझसे आँखें चार करें
कोई डर नहीं मुझे, न किसी
की कमी खलती है¡
ज़ब खुद के दिल मै झाँकती हूं
तब यही तसल्ली मिलती है
की हाँ मै अब श्रीमती हूं!
लोग देखें तो भी अकेले...