आंखे।
आंखो पर निसान पड़ने लगे है।
आसुओं से काजल बहने लगा है।
जिस कांधे पर सिर रख कर सोया करते थे।
उसी कांधे पर बोझ सा लगने लगा है।
हसरतें कई टूटने लगी है
चाहते कहीं रूठने...
आसुओं से काजल बहने लगा है।
जिस कांधे पर सिर रख कर सोया करते थे।
उसी कांधे पर बोझ सा लगने लगा है।
हसरतें कई टूटने लगी है
चाहते कहीं रूठने...