समाज ने स्त्रियों को क्या दिया
इस समाज ने सिर्फ पंख दिए
मगर उड़ान अपनी मर्जी की कराई
इस समाज ने सपने दिए
मगर सपने अपनी मर्जी के पूरे कराएं
इस समाज ने अधिकार दिए
मगर बिन अर्जी वह अधिकार नहीं दिए
इस समाज ने बातें की
मगर अपने मर्जी से बातें करने का अधिकार न दिया
इस समाज ने पसंद और नापसंद करना सिखाया
मगर समाज में चीजें पसंद अपने मर्जी के कराए
इस समाज ने न्याय और अन्याय पर लड़ना सिखाया
मगर लड़ाई अपने हिसाब से कराया।
मगर उड़ान अपनी मर्जी की कराई
इस समाज ने सपने दिए
मगर सपने अपनी मर्जी के पूरे कराएं
इस समाज ने अधिकार दिए
मगर बिन अर्जी वह अधिकार नहीं दिए
इस समाज ने बातें की
मगर अपने मर्जी से बातें करने का अधिकार न दिया
इस समाज ने पसंद और नापसंद करना सिखाया
मगर समाज में चीजें पसंद अपने मर्जी के कराए
इस समाज ने न्याय और अन्याय पर लड़ना सिखाया
मगर लड़ाई अपने हिसाब से कराया।