...

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मन की पीड़ा
मन की पीड़ा
मन के भीतर
मूक सी है
कैसी जीवन में
जीवन की
भूख सी है
कोमल मन
भाव समाहित
हृदय में खिली
कोई धूप सी है
रिश्तों में विफलता
संबंधों की
चूक सी हैं।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद
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