...

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अधूरा कल, पूरा आज
सुनो,
कभी आओ मेरे पास
कुछ फुर्सत के चंद लम्हें निकाल कर
कुछ खास बाते करनी है तुमसे
कुछ ऐसी मुलाकाते करनी है तुमसे,
जानते है की अब रास्ते अलग है हमारे
तुम हो किसी और के......और
हम भी नही रहे अब कुंवारे
फिर भी दिल की डोर आज भी तुमसे जुड़ी है
दर्द जब उठता है सीने मे तब याद आते हो तुम,
ऐसा लगता है मन के किसी कोने मे चुपके से आकर..."मै साथ हूँ तुम्हारे"...कह जाते हों तुम..

सुनो,
बैठ सुनो मेरे टूटे 💔दिल के जज़्बात
कितनी मिन्नतें की तुम्हें पाने की
पर ना जाने कहा चूक हों गयी खुदा को मनाने की,
तुम इतने खुद मे मसरूफ हो गए और मुझसे बहुत दूर हो गए,
हम तड़पते रहे रात दिन तुम्हारे लिए पर ना आये तुम पलट कर हमारे लिए...
रुख हवा का यूँ बदला रास्ते ही नही मंजिले भी जुदा हो गयी....

पर जब जब तुम्हारा ख्याल आता है
दिल खुद को तुम्हारा ही बताता है
शायद इसलिए ही आज फिर से
इज़हार अपनी मोहब्बत का तुमसे करना है
तोड़ रस्मो रीवाज़ो को तुम्हें अपना बनाने की कसम खाना है,
मेरे महबूब तुम्हे बाहो मे भर अपने सारे दर्द को अश्कों की बरसात मे बहाना है,
और भीग तुम्हारे प्यार की बारिस मे इस कदर जाना है
की पैरो मे पड़ी बीडीयां खुद ही टूट बिखर जाये
और हम एक दूजे के हो जाये...

सुनो,
दुआओं मे हर पल तुम रहते हो
मेरी सासो मे बसते हो
हर लम्हा मुझसे कहते हो
कास ऐसा कोई दिन आये वापस पलट कर मेरे खुदा
जिसमे ना कोई बंदिश हो
ना दुनियां की लाज लज़्ज़ा की दिवार
हो तो बस हम तुम और हमारा खोया हुआ प्यार
और हर वो पल जो बीते हमारे एक दूजे के साथ तुम्हें हर बात बतानी है तुम समझो मेरे हालात इसके लिए जरूरी है एक मुलाक़ात
तो कभी आओ मेरे पास
कुछ फुर्सत के चंद लम्हें लेकर.....

सुनो,
पागल सी ख्यालो मे डूबी हुई तुम्हारे ये अहसास बयां कर गयी मै
जबकि मै जानती हूँ की सब ख्याल नामुमकिन से है
तुम किसी और के, मै भी किसी से जुड़ गयी हूँ
रिश्तो की बिड़ियों मे जकडी सी हूँ
जिनको बिना किसी उम्मीद के निभाउंगी
अपनी जिम्मेदारी का हर फ़र्ज़ मे हस कर उठाउंगी
नए रिश्तो को अपना बनाने मे कुछ वक्त लगेगा पर हर रिश्ता मे दिल से जोड़ अपनाउंगी
तुम्हें और तुम्हारे प्यार को दिल की कब्र मे दफनाउंगी
और फिर अपने कल के गुजरे लम्हो के दर्द को सीने मे छुपा आने वाले कल की खुशियों का मरहम लगाउंगी..........

© kalpana@kalpu