आज तुझे आराम देता हूँ….
चल आज तुझे मैं आराम देता हूँ,
इसी बहाने ख़ुद को कोई काम देता हूँ…
कठिन है पर मुमकिन नहीं है सच में,
मैं आज अपनी कोशिश को इम्तिहान देता हूँ…
चल आज तुझे मैं आराम देता हूँ…
अक्सर रोज़ ही मोहब्बत हो जाती है तुमसे,
मुझे बड़ा अच्छा लगता है जब तू रूठ जाती है मुझसे !
मनाने में ही असली मज़ा है तुम क्या जानो,
जब तू एक दाम आकर लिपटती है मुझसे…
और फिर मैं अपनी साँसों को विराम देता हूँ…
चल आज...
इसी बहाने ख़ुद को कोई काम देता हूँ…
कठिन है पर मुमकिन नहीं है सच में,
मैं आज अपनी कोशिश को इम्तिहान देता हूँ…
चल आज तुझे मैं आराम देता हूँ…
अक्सर रोज़ ही मोहब्बत हो जाती है तुमसे,
मुझे बड़ा अच्छा लगता है जब तू रूठ जाती है मुझसे !
मनाने में ही असली मज़ा है तुम क्या जानो,
जब तू एक दाम आकर लिपटती है मुझसे…
और फिर मैं अपनी साँसों को विराम देता हूँ…
चल आज...