...

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Prem
पतझड़ के नीरस विरह की कसक
की आह पर एक सुखद आलिंगन
आत्मा का सौन्दर्य में लिपटा हुआ
कवि का" सत्य" गीत
चीड़ के नीड़ से झंकृत संगीत हैं तू।।