अक्स
थम के बरसे
या बरस के थमें
मुझे ये आसमाँ हर पल
मेरा ही अक्स लगता है।
जैसे कभी बरस के
सबकुछ कह देना
तो कभी अंदर ही
सबकुछ थामे रहना
मुझे ये आसमां हर पल
मेरा ही अक्स लगता है।
कभी धुला धुला सा
आईने जैसा साफ़
तो कभी काले बादलों...
या बरस के थमें
मुझे ये आसमाँ हर पल
मेरा ही अक्स लगता है।
जैसे कभी बरस के
सबकुछ कह देना
तो कभी अंदर ही
सबकुछ थामे रहना
मुझे ये आसमां हर पल
मेरा ही अक्स लगता है।
कभी धुला धुला सा
आईने जैसा साफ़
तो कभी काले बादलों...