...

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"तेरी बेरुखी और तेरी माँ"...
क्यों तेरी राहें अब भी,
उस नाकाम इश्क़ में बेज़ार है? 
मजनून, तेरी माँ तेरा संसार
मात्र वही सच्चा प्यार है!

वाकी सब तो धोखा है,
झूठ है...फरेब है!

पर माँ...💬
माँ जैसा कोई ना दूजा है,
माँ ईश्वर, ममता की देवी
माँ खुदा, माँ परवरदिगार 
माँ खुद में एक अजूबा है!

माँ जन्नत, जननी, हाफ़िज़ है
माँ वालिद से रास्ता ऐ सिफारिश है
माँ कभी हँसती, कभी रुलाती है
तुम्हें खिलाकर, खाना खाती है!

कभी डाँटती, कभी प्यार जताती है
पापा के गुस्से से कभी बचाती है!

पर! अब तुम जो होशियार ठहरे,
अब कहाँ समझ यह आती है?
तुम वहाँ इश्क़ फरमाते हो, 
माँ, तुमसे प्यार निभाती है!

माँ बेशक़ झुठलाती, ना जताती है,
अपनी शिकायतें तुमसे छुपाती है!

पर शायर हूँ, समझता हूँ
बात पते की बताता हूँ
यह इश्क़ के चोंचले, सब इक तरफ
माँ! बस तुझपे दिलो जान लुटाता हूँ!

विशाल शर्मा