Rooh Se Rooh Tak
यू भटकता में तेरे आने से मंजिल मिल गई कभी ना देखे जाने वाले खाब में तेरी तस्वीर मिल गई जी रहे थे यूंही तुझे मिलने से जीने की वजह मिल गई गेरो की तलाश में रूह से रुह मिल गई
© Omi
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