स्वीकार
#स्वीकार
अगर -मगर कुछ तो कहा होगा?
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा?
ऐसे ही कहा जुड़ते है रिश्ते इस दुनिया में,
और जो जुड गये हैं तो
उन रिश्तों ने तुमसे कुछ तो पूछा होगा ?
चलो कुछ पूछा ना सही पर
कुछ कहा तो ज़रूर होगा ।
उस खामोश रिश्ते की अवाज को तुम सुन तो सके ना?
उस रिश्ते की डोर को तुम जोड़े रख सके ना ?
अगर मगर कुछ तो कहा होगा ?
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा ?
तुम्हारे शब्द
तुम्हारी खामोशी
कुछ तो उसको भाया ही होगा ?
उसने हाँ या ना तो कहा ही होगा ?
चलो हाँ ना न सही खामोशी से कुछ इशारा तो किया होगा ?
तुम समझ पाये ना उस खामोशी के इशारे को ?
तुम समझ तो पाये ना उसके चेहरे के छिपे हुए भावों को ?
© theukiyowriter
अगर -मगर कुछ तो कहा होगा?
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा?
ऐसे ही कहा जुड़ते है रिश्ते इस दुनिया में,
और जो जुड गये हैं तो
उन रिश्तों ने तुमसे कुछ तो पूछा होगा ?
चलो कुछ पूछा ना सही पर
कुछ कहा तो ज़रूर होगा ।
उस खामोश रिश्ते की अवाज को तुम सुन तो सके ना?
उस रिश्ते की डोर को तुम जोड़े रख सके ना ?
अगर मगर कुछ तो कहा होगा ?
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा ?
तुम्हारे शब्द
तुम्हारी खामोशी
कुछ तो उसको भाया ही होगा ?
उसने हाँ या ना तो कहा ही होगा ?
चलो हाँ ना न सही खामोशी से कुछ इशारा तो किया होगा ?
तुम समझ पाये ना उस खामोशी के इशारे को ?
तुम समझ तो पाये ना उसके चेहरे के छिपे हुए भावों को ?
© theukiyowriter