पल
पल,
एक पल, में सब थम सा गया,
जैसे मेरा वो एक हिस्सा मिल गया,
और उन्हें जैसे उनका अभिन्न अंग मिल गया,
जिसकी खबर ना हमे थी ना उन्हें थी,
कि कुछ खोया था जो अब मिल गया
की उस पल एहसास हुआ,
जब दोस्त कहा करते थे हमे कि,
"जब शिद्दत वाला इश्क होगा
तब अपना सब लुटा दोगी,
ना शकल सूरत देखोगी,
ना कुछ और देखोगी,
बस खुद को बेपनाह शिद्दत वाला इश्क करते पाऊंगी "।
- उसके लिए जिससे बेखबर होगे भी जाना पहचाना सा है।
© Feel_through_words
एक पल, में सब थम सा गया,
जैसे मेरा वो एक हिस्सा मिल गया,
और उन्हें जैसे उनका अभिन्न अंग मिल गया,
जिसकी खबर ना हमे थी ना उन्हें थी,
कि कुछ खोया था जो अब मिल गया
की उस पल एहसास हुआ,
जब दोस्त कहा करते थे हमे कि,
"जब शिद्दत वाला इश्क होगा
तब अपना सब लुटा दोगी,
ना शकल सूरत देखोगी,
ना कुछ और देखोगी,
बस खुद को बेपनाह शिद्दत वाला इश्क करते पाऊंगी "।
- उसके लिए जिससे बेखबर होगे भी जाना पहचाना सा है।
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