सॉरी - एक छलावा
वैसे तो स्वयं सम्पूर्ण शब्द ये कहलाता है,
एक शब्द पूरी कहानी बतला जाता है,
क्रोध पिघले जैसे मक्खन कोई,
सारे गिला शिकवे भुला ये रिश्ते बचाता है।
कहने वाला इसे ब्रह्मास्त्र समझ कर,
तब इस्तेमाल में लाता है,
कुछ और उसे नहीं सूझता,
बोल सॉरी अपना गला बचाता है।
पर क्या वो दुःख वो दर्द,...