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दुख होता है|
दुख होता है|
पहले तो आती हो, तुम।
मेरा चैन चुराती हो,तुम।
फिर दिखाती हो,तुम।
कि तुम मेरी बन गई हो।
तो फिर क्यों मुंह मोड़ जाती हो,तुम।
क्या अचानक से आना और फिर चले जाना,
ये तुम्हारी आदत है।
या मुझमें ही कोई कमी है।
तुम कभी बहाने दे देती हो कि
मैं अमीर नहीं,
मैं सुंदर नहीं या
मैं बुद्धिमान नहीं।
माफ करना! मैम साहब!
हां,मैं नहीं।
पर जरा बताओ,मुझे।
क्या सिर्फ अमीर होऊंगा,तब तुम आओगी।
क्या बहुत सुंदर होऊंगा,तब तुम आओगी।
या बहुत बुद्धिमान होऊंगा तब तुम आओगी।
अगर,हाँ! तो दुख होता है।
© RK_become your real hero
पहले तो आती हो, तुम।
मेरा चैन चुराती हो,तुम।
फिर दिखाती हो,तुम।
कि तुम मेरी बन गई हो।
तो फिर क्यों मुंह मोड़ जाती हो,तुम।
क्या अचानक से आना और फिर चले जाना,
ये तुम्हारी आदत है।
या मुझमें ही कोई कमी है।
तुम कभी बहाने दे देती हो कि
मैं अमीर नहीं,
मैं सुंदर नहीं या
मैं बुद्धिमान नहीं।
माफ करना! मैम साहब!
हां,मैं नहीं।
पर जरा बताओ,मुझे।
क्या सिर्फ अमीर होऊंगा,तब तुम आओगी।
क्या बहुत सुंदर होऊंगा,तब तुम आओगी।
या बहुत बुद्धिमान होऊंगा तब तुम आओगी।
अगर,हाँ! तो दुख होता है।
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