कुछ रात
ढल गया दिन आ गई है रात
चलो चलो सपने सजाने के लिए
मौसम है तैयार.के
ढल गया है दिन आ गई है रात
चलो चलो करने चलते हैं........
सपनों की शुरुआत एक सपना...
में देखती हूं एक तू भी देख लेना..
राते लंबी कटने लगेगी तो सपने आधे
आधे बट जाएंगे...
सुना है अंधेरों में तुम्हें डर लगता है...
हमें तो भूतों से दोस्ती करनी है कैसा होगा..
हमारा रिश्ता यह रात कटी है....
सपनों में बैठी है रास्ता तेरा भी अलग है....
........ मेरा भी अलग है कोशिश करेंगे हम अगर
जरूर कामयाबी मिलेगी....
रस्ते भले ही अलग-अलग होंगे हमारे....
मगर हम कभी रास्तों को बढ़ने नहीं देंगे...
हां कोशिश करेंगे जरूर हम...
रातों को इतनी जल्दी ढलने नहीं देंगे...
तुम्हें जितने देखने हैं सपने देख लो...
सपने देखने से क्या होता है....
हकीकत में तो वही होता है...
जो खुदा ने हमारी किस्मत में लिखा होता है.
कि खुदा ने हमारी कहानी....
लिख दी अब वह नहीं बदलेगी...
इंतजार करो तुम्हारी कहानी शुरू होने वाली है पन्नी भी पलटेगी और हकीकत भी बदलेगी
तुम्हारी किस्मत वही होगी जो पन्नों पर लिखी होगी.....
कि कुछ पन्ने हकीकत के तू भी पढ़ ले...
तुझको मैं पढ़ लेती हूं... मेरी आंखों को तू पढ़ ले
तेरी बातों को मैं पढ़ लेती हूं मुझे नहीं लगता
हमारा कोई रिश्ता बनेगा कभी भी
हमें तो रिश्तो की आदत ही नहीं है और...
रिश्तेदारों से हमें नफरत सी हो गई है
किताबों से हमारी मुलाकात हो गई है
कि अब तो शेर और शायरी की तलाश रहती है.. सुना है उनसे मुलाकात हो गई है...
मैं नहीं पूछूंगी उनसे तुम्हारी मुलाकात अच्छी है या बुरी मगर दिल में जो दर्द है उस दर्द का...एहसास तो पूछूंगी....
मैं तेरी दोस्त हूं तेरे हालात तो पूछूंगी
तू होठों से झूठ बोलेगी मैं तेरी
आंखों को पढ़ लूंगी तेरी पलके झुका गई तो समझ जाओगी... कि तेरी पलके झुकी तो समझ जाऊंगी तुझे मुझ पर यकीन ही नहीं रहा और दोस्ती हमारी कभी हुई ही नहीं थी क्योंकि हमारे बीच में कोई राज ही नहीं रहा
के बदल गई तू बदल गई तेरी बातें
अब तो तू सिर्फ एक ही रिश्ता निभाती है
मगर के रिश्ते हैं तेरे मेरे दिलों में कुछ बात वह हमसे छुपाते हैं कुछ हम उनसे छुपाते हैं इसी तरह से यह रिश्ते गुजर जाते हैं 😭 आंखों के आंसू रुक नहीं पाते हैं बस हम यही दो लव कहना चाहते हैं
© samreen