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बादल सिरहाने , लिखूं क्या मैं तेरे बारे?
अल्फाज पड रहे कम, तुझे ख़्वाबों में बसारे
झूठ नहीं बोलता कलम, राते जागे नींदे मारे!
एक हां की...
अल्फाज पड रहे कम, तुझे ख़्वाबों में बसारे
झूठ नहीं बोलता कलम, राते जागे नींदे मारे!
एक हां की...