मैं
मैं सोचता हु फिर से वही बातें हो हमारे और तुम्हारे दरमियाँ
तुम्हारे फोन का इंतज़ार और तुम्हारी आवाज को सुनने की बेसब्री हो फिर से
लेकिन डर लगता हैं की हमरे और तुम्हारे दरमियाँ फ़ासलें और ना बढ़ जाएं
काश...
तुम्हारे फोन का इंतज़ार और तुम्हारी आवाज को सुनने की बेसब्री हो फिर से
लेकिन डर लगता हैं की हमरे और तुम्हारे दरमियाँ फ़ासलें और ना बढ़ जाएं
काश...