...

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नारी
दिन की शुरुआत हे नारी से
ढलती शाम की आरती
जीवन रूपी रथ खिस काती
पुरुष सं ग बन सारथी
सर्दी की वह ठंडी सुबह में
गर्म चाय की प्याली है
गर्मी की वह कड़क धूप में
शीतल दही की प्याली है
इसीलिए नारी शक्ति है नारी दुर्गा रूप है
इसीलिए नारी मीरा है, नारी सरस्वती रूप इसीलिए नारी लक्ष्मी है नारी वसुंधरा रूप है
इसीलिए सब को जीवन देने वाली
ईश्वर रचित स्वरूप पर है